समय ताम्रकर
रामगोपाल वर्मा ने फिल्म ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ के लिए स्थापित कलाकारों को लिया है, सिवाय एक भूमिका के। उन्होंने ‘शोले’ में अमिताभ द्वारा निभाए गए रोल के लिए प्रशांत राज को चुना है। इस भूमिका के लिए पहले मोहित अहलावत चुने गए थे, लेकिन बाद में प्रशांत राज आ गए। प्रशांत को लिए जाने पर कई लोगों को आश्चर्य हुआ, क्योंकि सभी को उम्मीद थी कि अमिताभ वाली भूमिका के लिए किसी सशक्त अभिनेता को चुना जाएगा।
कौन हैं प्रशांत राज?
प्रशांत दिल्ली के रहने वाले हैं। उनकी मम्मी चित्रकार हैं और डैड एक कंपनी में सीईओ हैं। प्रशांत राज शानदार शख्सियत के मालिक हैं। उन्होंने कई प्रतियोगिताएँ भी जीती हैं। इस कारण उन्हें मॉडलिंग के क्षेत्र में तत्काल प्रवेश मिल गया। मॉडलिंग करते समय फिल्मों में उनकी रुचि नहीं थी। उनके पास तीन फिल्मों के प्रस्ताव आए, लेकिन प्रशांत ने उन्हें ठुकरा दिया। अलबत्ता एक टीवी धारावाहिक के होस्ट जरूर बने।
कैसे मिली ‘रामगोपाल वर्मा की आग’?
एक दिन प्रशांत को रामू के ऑफिस से फोन आया और उन्हें मिलने को बुलाया गया। प्रशांत वहाँ पहुँचे, किंतु रामू से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। वे अपने फोटोग्राफ वहीं छोड़ आए। अगले दिन उन्हें फिर बुलाया गया और रामगोपाल ने थोड़ी-बहुत पूछताछ के बाद प्रशांत से अभिनय करवाया। अगले दिन फिर उनका स्क्रीन टेस्ट लिया और अंत में रामू ने जय की भूमिका के लिए प्रशांत को चुन लिया।
दिग्गज कलाकारों के बीच प्रशांत
इस फिल्म में प्रशांत को अमिताभ, मोहनलाल, अजय देवगन और सुष्मिता जैसे कलाकारों के बीच काम करना था। वे फिल्म में एकमात्र नए कलाकार थे। प्रशांत के मुताबिक उन्हें कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वे नए कलाकार हैं। सभी ने उन्हें सहयोग दिया। सुष्मिता सेन उनकी पसंदीदा नायिका हैं और उनके नायक बनकर वे बेहद खुश हैं। अमिताभ और अजय से उन्होंने अभिनय की बारीकियाँ सीखीं।
क्या है भूमिका?
प्रशांत राज रामू की फिल्म में वही भूमिका अभिनीत कर रहे हैं, जो अमिताभ ने ‘शोले’ में निभाई थी, लेकिन इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया है। इसमें जय के बदले उनका नाम राज है। जय की तुलना में राज कम उम्र का है, यानी हीरू और जय के बीच ज्यादा उम्र का फासला है। वह अंतर्मुखी इनसान है और बेहद कम बोलता है। वह मन ही मन दुर्गा (सुष्मिता सेन) से जो कि एक विधवा है, प्रेम करता है।
जय से राज की तुलना
प्रशांत द्वारा निभाए गए चरित्र की तुलना जय से होगी। अमिताभ ने जो चरित्र निभाया था, उसने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। जय का चरित्र आज भी लोगों को अच्छी तरह याद है। अमिताभ एक महान कलाकार हैं। प्रशांत और उनकी तुलना नहीं की जा सकती।