रामगोपाल वर्मा ने ‘शोले’ से अपनी फिल्म ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ को अलग दिखाने के लिए कुछ परिवर्तन किए हैं। गब्बर के किरदार में उन्होंने अमिताभ को लिया है और नाम दिया है बब्बन। इस बब्बन की एक खास बात है। इसकी दायीं आँख नीली और बायीं आँख भूरी है। अब ये मत सोचिए कि ऐसा कैसे हो सकता है। बब्बन को खूँखार दिखाना था, इसलिए रामू ने ऐसा कर दिया।
इस गेटअप के लिए सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी अमिताभ को। अमिताभ के लिए डॉक्टर ने विशेष सॉफ्ट लेंस बनाए। अमिताभ ने कई बार इसका ट्रायल लिया और डॉक्टर की सहायता से बार-बार लेंस लगाकर देखे।
अमिताभ को जब भी शूटिंग के लिए जाना होता तो वे डॉक्टर के क्लिनिक पहुँचकर लेंस लगवाते और फिर सेट पर पहुँचते। हालाँकि इस उम्र में यह सब करना कष्टदायी होता है, लेकिन अमिताभ जो ठान लेते हैं वे करके ही मानते हैं।
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