Sunday, September 30, 2007

रोमांसिंग विद देव आनन्द - ६

गाता रहे मेरा दिल

Devanand

         आजादी के बाद फिल्मों में टीम वर्क का सिलसिला राजकपूर ने शुरू किया। उन्होंने लता-मुकेश/शैलेन्द्र-हसरत/शंकर-जयकिशन/ की जोड़ी को अपनी टीम में शामिल किया। दूसरी ओर नौशाद-शकील साथ रहे। साहिर-एसडी बर्मन की जुगलबंदी लंबी चली। देव आनन्द ने गुरुदत्त/गीता बाली/किशोर कुमार/एसडी बर्मन/ साहिर को अपनी टीम का हमसफर बनाया। नौशाद तथा शंकर जयकिशन के सामने यदि किसी संगीतकार को सफलता और लोकप्रियता मिली तो वे थे दादा बर्मन। ये तमाम साथी कलाकार मिलकर देवआनन्द को लार्जर देन लाइफ बनाते हैं।

चलते चलो, चलते चलो

Dev-Sunil

        ये देव आनंद के जीवन का फलसफा है। उनके करियर के कुछ खट्टे-मीठे-चरपरे संस्मरण :
* राजकपूर जैसे दोस्त के साथ देव साब ने एक भी फिल्म में काम नहीं किया।
* दिलीपकुमार के साथ वे सिर्फ इंसानियत फिल्म में आए थे।
* किशोर कुमार की आवाज उधार लेकर देव ने अपनी शिखर यात्रा तय की।
* फिल्म आनन्द और आनन्द में देव ने अपने बेटे सुनील को लाँच किया, मगर वे सफल नहीं हुए।
* देव आनन्द कभी पार्टी नहीं देते और दूसरों की पार्टी में भी कभी कभार ही जाते हैं।
* देव आनंद ने कई लड़कियों को बतौर हीरोइन अपनी फिल्मों में मौका दिया है।

 

(स्रोत-वेबदुनिया)

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